च्यवनप्राश
सामग्री-
- यह च्यवनप्राश 56 कीमती जड़ी-बूटियों और बहुमूल्य वनौषधियों से बना है ।
- इसकी एक मुख्य सामग्री आंवला है ।
Best Chyawanprash Benefits in Hindi [Best Chyawanprash ke Fayde]
- आचार्य चरकजी ने च्यवनप्राश को ‘रसायन’ कहा है । रसायन शरीर की पाचनप्रक्रिया को सुधारकर शरीर के कोषों को नवीन करता है ।
- यह यौवन और दीर्घायु प्रदायक व सप्तधातुओं को पुष्ट करने वाला है ।
- यह बल-वीर्य, स्मरणशक्ति और बुद्धिशक्ति बढ़ाने वाला तथा शरीर को कांतिमान बनाने वाला है ।
- यह वीर्य-विकार और स्वप्नदोष दूर करता है ।
- यह फेफड़ों को मजबूत करता है, हृदय को ताकत देता है, पुरानी खाँसी और दमे में बहुत फायदा करता है ।
- इसका सेवन बालक, वृद्ध सभी वर्ष भर कर सकते हैं ।
- जैसे रिजर्व फंड (आरक्षित निधि) बैंक में पड़ा होता है तो कभी भी काम आता है ऐसे ही सर्दियों में किया हुआ च्यवनप्राश का सेवन वर्ष भर रोगप्रतिकारक शक्ति को मजबूत बनाये रखता है ।
- इसकी मुख्य विशेषता यह है कि इसमें शरद पूनम की चाँदनी में पुष्ट हुए ताजे, वीर्यवान आँवलों व ५६ से भी अधिक बहुमूल्य वनौषधियों का समावेश होता है ।
- पाचन में सुधार करता है और मानसिक व शारीरिक ऊर्जा प्रदान करता है ।
- दमे की समस्या में खास प्रयोग- सुबह १० से २० ग्राम च्यवनप्राश गुनगुने पानी में घोलकर लें । इससे श्वसन-संस्थान (Respiratory system) व प्राणों को बल मिलता है ।
How To Use Best Chyawanprash – उपयोग विधि [Kaise Upyog Kare] – Dosage
- सुबह खाली पेट बच्चे ५ से १० ग्राम तथा बड़े १० से २० ग्राम सेवन करें ।
- सुबह १० से २० ग्राम च्यवनप्राश गुनगुने पानी में घोलकर लें । इससे श्वसन-संस्थान (Respiratory system) व प्राणों को बल मिलता है । वज्र रसायन टेबलेट की एक गोली सुबह शहद के साथ लेना भी हितकर है ।
- ये सभी संत श्री आशारामजी आश्रमों में, सत्साहित्य सेवा केन्द्रों से तथा समितियों से प्राप्त कर सकते हैं ।
सावधानी-
- उपरोक्त च्यवनप्राश के साथ केसरयुक्त स्पेशल च्यवनप्राश भी आश्रमों में सत्साहित्य सेवा केन्द्रों व समितियों से प्राप्त हो सकता है । स्पेशल च्यवनप्राश में ५६ बहुमूल्य जड़ी-बूटियों के साथ हिमालय से लायी गयी दिव्य औषधि वज्रबला तथा चाँदी, लौह, बंग व अभ्रक भस्म, केसर आदि भी मिलाये जाते हैं, जिससे यह विशेष गुणवान और प्रभावशाली हो जाता है ।
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