अमृत द्रव
सामग्री-
- कपूर, मेंथोल, अजवायन सत्व आदि आयुर्वेदिक वस्तुएँ
- प्रत्येक 5 मि.ली. में सामग्री :
- अजवायन सत्व (Trachyspermum ammi) : 33.33%
- पुदीना सत्व (Mentha arvensis) : 33.33%
- कपूर (Cinnamomum camphora) : 33.34%
खुराक : 2-10 बूंदें 1 कप गुनगुने पानी के साथ या चिकित्सक के निर्देशानुसार ।
Amrit Dhara Benefits in Hindi [Amrit Dhara ke Fayde]
- सर्दी-जुकाम, खाँसी, सिरदर्द व गले के रोगों में लाभदायक ।
- यदि आपको किसी कीड़े ने काट लिया है तब भी आप अमृत द्रव को उस काटे हुए स्थान पर लगाएंगे तो दर्द में तुरंत आराम होगा ।
- यदि आपको हल्की-फुल्की चोट लग गयी है तो आप अमृत द्रव को उस जगह पर लगाएंगे तो दर्द में तुरंत आराम होगा ।
How To Use Amrit Dhara – उपयोग विधि [Kaise Upyog Karein] – Dosage
- यदि आपको अत्याधिक सर्दी-जुकाम एवं खाँसी है तो दिन में 2 बार खाली पेट 1 कप गुनगुने पानी में 8 बूंद (सामान्य वालों के लिये 4 बूंद) अमृत द्रव डालकर पी लें ।
- 2-3 बूंद अमृत द्रव हथेली में लेकर गले, नाक एवं छाती में भी मालिश करें तथा 5-10 मिनिट कम्बल ओढ़कर लेट जाएं ।
- संक्रमण से रक्षा हेतु इसकी कुछ बूंदें कपड़े या रूई के फाहे पर लेकर सूंघें ।
- सिरदर्द होने पर इसे बाम की तरह भी लगाया जा सकता है । यदि आपको सिरदर्द हो रहा है तो 2 बूंद पानी हथेली में लेकर उसमें 2 बूंद अमृत द्रव मिलाकर माथे (Forehead) पर लगाने से तुरंत लाभ होता है ।
- चिकित्सक के निर्देश अनुसार प्रयोग करें ।
Precaution – सावधानी
- एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि अमृत द्रव को आप आपकी आँखों पर, आँखों में या आँखों के आस-पास भूलकर भी बिलकुल ना लगाएं ।
- सर्दी-जुकाम, खाँसी, नजला, कफ एवं गले के रोग में जबतक रोग पूरी तरह से नियन्त्रण में नहीं आता तबतक रोगियों को खटाई, दही, चावल, कोल्डड्रिंक, छाछ, आइसक्रीम, मिठाई, नींबू, दूध, फ्रिज का ठंडा पानी, घी एवं तेल में तली हुई चीजों का सेवन बिल्कुल बंद कर देना चाहिए ।
graliontorile –
Amazing! This blog looks just like my old one! It’s on a entirely different topic but it has pretty much the same page layout and design. Superb choice of colors!