काली द्राक्ष
शरीर को पर्याप्त पोषण देने के लिए अन्य ड्राई फ्रूट्स के साथ ही काली द्राक्ष को भी आहार में शामिल किया जा सकता है । माना जाता है कि इसमें कई ऐसे जरूरी पोषक तत्व और गुण होते हैं, जो औषधि का काम करते हैं ।
सामग्री-
बेशक, किशमिश के कई रंग और आकार होते हैं, लेकिन सभी किशमिश को अंगूर से ही बनाया जाता है । कुछ को हरे अंगूर से, तो कुछ को काले अंगूर से । अंगूरों की तरह विभिन्न तरह की किशकिश में भी लगभग एक जैसे ही पोषक तत्व पाए जाते हैं ।
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम-
- ऊर्जा : 300 kcal
- प्रोटीन : 3.57 g
- कार्बोहाइड्रेट : 78.57 g
- फाइबर : 3.6 g
- शुगर : 60.71 g
- कैल्शियम Ca : 36 mg
- आयरन, Fe : 1.93 mg
- सोडियम, Na : 11 mg
- विटामिन C : 2.1 mg
Kali Draksh Benefits in Hindi [Kali Draksh ke Fayde]
एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार काली द्राक्ष में फाइबर और पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है । ये दोनों पोषक तत्व उच्च रक्तचाप को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं ।
एनीमिया में आयरन की पूर्ति के लिए जिन खाद्य पदार्थ का जिक्र किया जाता है, उनमें किशमिश भी शामिल है ।
काली द्राक्ष का उपयोग करके खराब कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है । शोध के अनुसार, काली द्राक्ष का सेवन करके एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) और ट्राइग्लिसराइड (ब्लड में मौजूद एक प्रकार का फैट) को कम किया जा सकता है ।
द्राक्ष में मौजूद फाइबर और पॉलिफिनॉल्स कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं ।
एक शोध के अनुसार, द्राक्ष में बोरोन मिनरल की अच्छी मात्रा होती है, जो स्केलेटल मेंटेनेंस यानी हड्डियों के रखरखाव में मदद करता है । साथ ही बोरोन को हड्डी स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए भी जाना जाता है ।
ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियां नरम और कमजोर) होने से बचाव में भी द्राक्ष से मदद मिल सकती है ।
द्राक्ष में कैल्शियम भी अच्छी मात्रा में होता है, जो हड्डियों को स्वस्थ्य बनाए रखने में सहायक होता है ।
द्राक्ष में विटामिन C की अच्छी मात्रा होती है । द्राक्ष का सेवन करने से प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार हो सकता है । कोरोना (कोविड) जैसी समस्या से भी बचाव के लिए द्राक्ष के सेवन की सलाह दी जाती है । इसे इम्यूनिटी बूस्टिंग खाद्य की श्रेणी में रखा गया है ।
त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी काली द्राक्ष का सेवन फायदेमंद माना जाता है । दरअसल, द्राक्ष में एंटीबैक्टीरियल प्रभाव होते हैं, जो त्वचा से जुड़े कई बैक्टीरियल संक्रमण से बचाव और आराम दिलाने में मदद कर सकते हैं । द्राक्ष में मौजूद एंटी बैक्टीरियल प्रभाव एस.औरियस (Staphylococcus Aureus) जैसे बैक्टीरिया से लड़ने में अहम भूमिका निभा सकते हैं ।
How To Use Kali Draksh – उपयोग विधि [Kaise Upyog Karein] – Dosage
- इसे ड्राई फ्रूट्स के साथ मिलाकर खाया जा सकता है ।
- इसे रात भर पानी में भिगोकर, अगली सुबह खाया जा सकता है ।मीठे पकवानों में इसका इस्तेमाल स्वाद बढ़ाने के लिए किया जा सकता है ।
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